कौन कहता है आसमां मे सूराख नहीं हो सकता
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो।
दुष्यन्त कुमार का ये शेर आपकी हौसला अफजाई के लिए काफी है। फिर भी मन कही भटक रहा हो तो अपने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रेरणा ले सकते हैं। उन्होंने हाल ही में यूपी-उत्तराखंड में प्रचंड जीत हासिल करके 66 साल की उम्र में जो करिश्मा करके दिखाया है वह एसएससी की तैयारी कर रहे 22 से 30 साल के युवाओं के लिए निश्चित रूप से प्रेरणा के स्रोत हैं। आप यह कह सकते हैं कि एसएससी की तैयारी चुनाव की तैयारी से बहुत जुदा है। आपकी यह बात मानने के योग्य है लेकिन दूसरे अंदाज से देखिये तो आप पाएंगे कि मैं गलत नहीं कह रहा हूं। सही समय पर सही तैयारी और लक्ष्य पर सही निशाना लगाने से ही सफलता मिलती है। इसमें कन्सन्ट्रेशन की बहुत जरूरत है। प्रधानमंत्री ने नतीजे नहीं देखे बल्कि वे कोशिशें इतनी कीं कि उम्मीद लगाने वाले भी नतीजों से चकरा गए । एक्जिट पोल में यूपी के लिए अधिकांश सर्वे करने वालों भाजपा को 300 से कम सीटें देने का अनुमान जताया था लेकिन ये मोदी के ही प्रयास थे कि प्रदेश में भाजपा को 311 सीटें मिलीं हैं।कहने का मतलब यह है कि जब आपको सफलता 70 से 80 प्रतिशत अंक पाने से मिल सकती है आपको निश्चित रूप से कम से कम 90 प्रतिशत अंक पाने की तैयारियां करनी होगी। इसके लिए आपको हर तरह की कोशिश करनी होगी। यही सफलता का मूल मंत्र है। अब इतने अंक कैसे मिलें, यही आपको सोचना होगा।
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